डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ने से यूपीआई से जुड़े फ्रॉड भी बढ़ गए हैं। यूपीआई जिसका इस्तेमाल भारत समेत दुनिया के कई देशों में पैसों के लेनदेन के लिए किया जाता है। लेकिन इसने लोगों का जीवन जितना आसान बनाया है, उतनी ही चिंताएं भी लाई हैं। आइए आपको बताते हैं कि यूपीआई फ्रॉड कितने प्रकार के होते हैं, ताकि आप सतर्क रह सकें।
1. फ़िशिंग घोटाला
स्कैमर्स नकली यूपीआई भुगतान अनुरोध भेजकर या बैंक या सेवा प्रदाता के रूप में प्रस्तुत करके उपयोगकर्ताओं से संपर्क करने का प्रयास करते हैं। आपसे आपका यूपीआई पिन या अन्य संवेदनशील जानकारी मांगने के लिए भी धोखाधड़ी की जा सकती है।
2. नकली यूपीआई ऐप्स
ऐसे में स्कैमर्स सबसे पहले नकली यूपीआई ऐप बनाते हैं जो बिल्कुल असली ऐप की तरह दिखते हैं। आपसे इन ऐप्स को डाउनलोड करने के लिए कहा जाएगा और जैसे ही आप इन्हें डाउनलोड करके अपनी डिटेल्स डालते हैं, आपका सारा डेटा स्कैमर्स के पास चला जाता है।
3. आवाज बदल कर कॉल करें
जालसाज आपको कॉल करेंगे और खुद को बैंक अधिकारी या यूपीआई कर्मचारी बताकर आपका यूपीआई पिन या ओटीपी जैसी जानकारी जानने की कोशिश करेंगे।
4. क्यूआर कोड स्पूफिंग
आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि धोखेबाज क्यूआर कोड में हेरफेर भी कर सकते हैं। इसलिए, स्कैन करने से पहले, क्यूआर कोड को क्रॉस-चेक करना सुनिश्चित करें कि क्या क्यूआर कोड उस व्यक्ति का है जिसे आप पैसे भेज रहे हैं।
5. सिम कार्ड स्वैप
आजकल धोखेबाज मोबाइल सेवा प्रदाताओं को भी धोखा देते हैं। वे यूजर का सिम कार्ड स्वैप करने की बात करते हैं और उनका यूपीआई-लिंक्ड मोबाइल नंबर ले लेते हैं। इस तरह, उनके पास ओटीपी पर पूरा नियंत्रण होता है और वे यूपीआई खाते तक भी पहुंच सकते हैं।
6. सोशल मीडिया प्रोफाइल का उपयोग करके धोखाधड़ी करना
आजकल, घोटालेबाज आपका विश्वास जीतने के लिए आपके सोशल मीडिया प्रोफाइल से व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करते हैं।
7. फर्जी यूपीआई आईडी अनुरोध
जालसाज़ असली जैसी दिखने वाली नकली यूपीआई आईडी का उपयोग कर सकते हैं और भुगतान अनुरोध भेज सकते हैं। ऐसे में यूजर्स इस रिक्वेस्ट को असली समझ लेते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।
UPI स्कैम से बचने के लिए क्या करें?
- आधिकारिक ऐप स्टोर या प्ले स्टोर से ऐप्स डाउनलोड करें।
- ईमेल, टेक्स्ट या सोशल मीडिया के माध्यम से संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- यूपीआई भुगतान अनुरोधों और क्यूआर कोड का उपयोग करने से पहले उन्हें क्रॉस-चेक करें।
- यूपीआई पिन, ओटीपी या पासवर्ड जैसी जानकारी फोन या ऑनलाइन किसी के साथ साझा न करें।