संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के दिन समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा निशाना साधा है। संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने दावा किया कि BJP 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश (UP) में मिली हार के बाद से बेचैन है और अपनी इस हार की भरपाई करने के लिए ही वह SIR (स्पेशल समरी रिवीजन) प्रक्रिया का दुरुपयोग कर रही है।
SIR पर लगाए गंभीर आरोप
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि BJP अपने संसाधनों का मुकाबला करने में सक्षम न होने के कारण अनुचित तरीकों का सहारा ले रही है। उन्होंने यहाँ तक कहा कि कुछ नोएडा की कंपनियाँ इस काम के लिए BJP की मदद कर रही हैं।
SP प्रमुख ने दावा किया कि BJP की रणनीति उन बूथों पर केंद्रित है जहाँ उसे लोकसभा चुनाव में हार मिली थी। उन्होंने कहा, "BJP जिन बूथों पर हारी है, वहाँ उसने खास तैयारी की है और ऐसे बूथों से SIR में ज्यादा से ज्यादा वोट वह काटना चाहती है।"
उन्होंने SIR की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया। अखिलेश यादव ने कहा कि SIR ऐसे समय में लाया गया है, जब सबसे ज्यादा शादियाँ हैं। इस वजह से व्यस्तता के चलते लोग अपना SIR फॉर्म नहीं भर पाएंगे, जिसका सीधा लाभ BJP को मिलेगा।
बीजेपी पर ड्रामा और जबरदस्ती का आरोप
मीडिया के एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने BJP पर ड्रामा करने का आरोप लगाया। उन्होंने व्यंग्यात्मक ढंग से पूछा, "किसी की जान जाना भी ड्रामा है क्या?"
उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि "बीजेपी ऐसा ड्रामा करती है कि पुलिस से मिलकर वोटरों पर रिवाल्वर लगा देती है।" इसके अलावा, उन्होंने SIR के दौरान बूथ लेवल अधिकारी (BLOs) की मौत की खबरों पर भी चिंता जाहिर की।
सपा नेताओं को स्पष्ट संदेश
इस कथित रणनीति का मुकाबला करने के लिए, अखिलेश यादव ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को कड़ा निर्देश जारी किया है। उन्होंने बताया कि समाजवादी पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव में टिकट चाहने वाले नेताओं को साफ निर्देश दिए हैं: SIR की प्रक्रिया में लगन से काम करने वाले नेताओं को ही टिकट के दौरान प्राथमिकता दी जाएगी।
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रूप से लोगों के SIR फॉर्म भरवाने में मदद कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से न काटा जाए। यह दिखाता है कि SP इस मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया को 2024 की हार से घबराई BJP की 'वोट काटने की साजिश' के रूप में देख रही है और पूरी गंभीरता से इसका मुकाबला करने में जुटी है।