चुनाव आयोग (Election Commission of India) की तरफ से मंगलवार को पश्चिम बंगाल की विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई है. इस ड्राफ्ट लिस्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जिसके तहत पूरे बंगाल से 58 लाख 20 हजार 898 वोटरों के नाम हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं.
इस बड़े पैमाने पर नाम हटाने के पीछे मुख्य रूप से मृतक वोटरों और राज्य छोड़कर जा चुके निवासियों की पहचान है. इन आंकड़ों को जारी करते हुए चुनाव आयोग ने सभी मतदाताओं से अपील की है कि वे अपनी स्थिति की जांच कर लें.
पूरे बंगाल से कितने लोगों के कट सकते हैं नाम?
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मसौदा सूची से हटाए जाने के लिए चिन्हित किए गए नामों का विवरण इस प्रकार है:
| कारण |
चिन्हित वोटरों की संख्या |
| मृतक (Death) |
24,16,852 |
| राज्य छोड़ चुके |
19,88,076 |
| लापता (Missing) |
12,20,038 |
| डुप्लीकेट (Duplicate) |
1,38,328 |
| अन्य श्रेणी |
57,604 |
| कुल चिन्हित नाम |
58,20,898 |
इनमें सबसे ज्यादा संख्या मृतक वोटरों (24.16 लाख) की है, जिसके बाद करीब 19.88 लाख ऐसे वोटर हैं जो पश्चिम बंगाल छोड़कर किसी दूसरे राज्य में रहने लगे हैं. इसके अलावा, 12.20 लाख लोग ऐसे हैं जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है, यानी वे लापता हैं.
प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के बूथ पर असर
इस पुनरीक्षण प्रक्रिया का असर राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बूथों पर भी देखा गया है:
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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बूथ: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 'बूथ मित्रा इंस्टीट्यूशन' से 127 वोटर्स के नाम हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं.
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शुभेंदु अधिकारी का बूथ: नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के बूथ पार्ट नंबर 79, नंदा नायक बोर स्कूल से तुलनात्मक रूप से कम, सिर्फ़ 11 वोटर्स के नाम हटाए गए हैं.
मतदाता अपने नाम चेक करें और आपत्ति दर्ज कराएं
चुनाव आयोग ने इन आंकड़ों को जारी करते हुए मतदाताओं से विशेष अपील की है. आयोग ने कहा है कि मतदाता अपनी-अपनी स्थिति देख लें और यदि किसी का नाम गलती से हटाया गया है तो वे निर्धारित समय सीमा के भीतर आपत्ति दर्ज कराएं.
यदि आपका नाम काटने के लिए चिन्हित किया गया है, तो आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से अपील कर सकते हैं.
किन क्षेत्रों से कटे सबसे ज्यादा वोट?
चुनाव आयोग ने इस विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को पहले चरण में बिहार में कराया था, जिसके बाद दूसरे चरण में इसे 12 राज्यों में कराने का फैसला लिया गया था. इस प्रक्रिया का उद्देश्य वोटर लिस्ट का अपडेशन करना है, जिसके तहत नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे और लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा.
आयोग की तरफ से दिए गए आंकड़ों में सबसे ज्यादा वोट कोलकाता के चौरंगी और कोलकाता पोर्ट जैसे क्षेत्रों से हटाने के लिए चिन्हित किए गए हैं, जो दर्शाता है कि इन शहरी और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अपडेशन की सबसे अधिक आवश्यकता थी.