मुंबई, 09 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान एक किसान ने सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। किसानों के बताया- गुरुवार सुबह लंगर स्थल के पास ही तरनतारन जिले के पहूविंड गांव में रहने वाले रेशम सिंह (55) ने सल्फास खाया। उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। किसान नेता तेजबीर सिंह ने कहा कि रेशम शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 11 महीने से आंदोलन के बावजूद सरकार की तरफ से इसका समाधान न निकालने से नाराज था। इससे पहले भी 14 दिसंबर को किसान रणजोध सिंह ने भी सल्फास खा लिया था। वह उस दिन दिल्ली कूच न करने देने से नाराज हुआ था। करीब 4 दिन बाद उसकी पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में मौत हो गई थी। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने इस आंदोलन को समर्थन दे दिया है। गुरुवार (9 जनवरी) को मोगा में हुई महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत और जोगिंदर उगराहां ने कहा कि कल उनकी 6 मेंबरी कमेटी की अगुआई में 101 किसानों का जत्था खनौरी बॉर्डर जाएगा। जहां वे सरवण पंधेर और जगजीत डल्लेवाल की सहमति लेंगे।
उधर, खनौरी बॉर्डर पर 45वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है। उनकी हालत गंभीर है। यहीं गीजर फटने से गुरुवार को एक किसान झुलस गया। उसे पटियाला के समाना स्थित सरकारी अस्पताल में लाया गया। उसके हाथ और पैर झुलसे हैं। किसान की पहचान गुरदयाल के रूप में हुई है। पटियाला के SSP नानक सिंह और सरकारी डॉक्टरों की टीम जगजीत सिंह डल्लेवालसे मिलने पहुंची। बीते दिन, डल्लेवाल का मेडिकल बुलेटिन जारी करते हुए डॉक्टरों ने कहा था कि उनके पैरों को अगर शरीर के अन्य हिस्सों के बराबर करते हैं तो उनका ब्लड प्रेशर काफी कम हो जाता है। ब्लड प्रेशर थोड़ा स्थिर करने के लिए उनके पैरों को ऊंचाई पर रखना पड़ रहा है। उन्हें बोलने में भी दिक्कत हो रही है। बुधवार को पूरा दिन वह अपनी ट्रॉली में ही रहे। उन्होंने किसी से भी मुलाकात करने से मना कर दिया है। वहीं, समाजवादी पार्टी से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से सांसद हरेंद्र मलिक ने डल्लेवाल से मुलाकात की थी। उन्होंने किसानों से पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव से फोन पर बात कराई। अखिलेश ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि वह सभी राजनीतिक पार्टियों से बात करेंगे और प्रयास करेंगे कि सभी राजनीतिक पार्टियां आपसी मतभेद भुलाकर MSP गारंटी कानून के मुद्दे पर एकजुट हों, ताकि किसानों की आत्महत्याओं को रोका जा सके।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली के किसानों से मीटिंग करके कहते हैं कि हमारी योजनाओं का लाभ आपको नहीं मिल रहा है, इसलिए वो दुखी हैं, लेकिन दूसरी तरफ उन्हें 13 फरवरी 2024 से सड़कों पर बैठे किसान एवं आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल का संघर्ष नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि जनगणना 2016 के अनुसार दिल्ली में 21000 किसान थे, जिनकी संख्या पिछले 8 साल में घट चुकी है। डल्लेवाल की बिगड़ती हालत के मद्देनजर केंद्र सरकार को गंभीर होकर किसानों की समस्याओं का हल करना चाहिए। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में डल्लेवाल को लेकर 8 सुनवाई हो चुकीं हैं। पहली सुनवाई 13 दिसंबर को हुई थी। इसमें कोर्ट पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कह चुका है कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए मोहलत भी दी थी। इस मामले में अब अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी।