मुंबई, 11 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मुंबई के बोरीवली में महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की ₹33.94 करोड़ की रो-रो जेट्टी फेज‑1 परियोजना का 11 जुलाई को शिलान्यास करते समय राज्य सरकार में मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने ऐसा बयान दिया, जिसने नया विवाद खड़ा कर दिया। राणे ने कहा कि वे हिंदुओं के वोट से चुने गए हैं और दावा किया कि ‘गोल टोपी और दाढ़ी वाले’ लोगों ने उन्हें समर्थन नहीं दिया है; इसलिए अगर वे हिंदुओं का पक्ष नहीं लेंगे तो उर्दू बोलने वालों का पक्ष कैसे ले सकते हैं। उन्होंने इन समुदायों को ‘हरे सांप’ बताते हुए जोर दिया कि ‘मुंबई का DNA हिंदू है’।
यह टिप्पणी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) नेता जावेद शेख के बेटे और मराठी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर राजश्री मोरे के बीच हालिया दुर्व्यवहार तथा मराठी भाषा विवाद के कुछ दिन बाद आई है। राणे ने मनसे पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी चुनिंदा तौर पर गरीब हिंदू नागरिकों को ही निशाना बनाती है। उनके अनुसार, मनसे का मकसद देश को बांटना और ‘जिहादियों’ को खुश करना है। राणे ने आरोप लगाया कि जिस तरह के नियम हिंदुओं पर थोपे जाते हैं, वही नियम राहिल शेख पर लागू करने में मनसे आनाकानी कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के सुर मोहम्मद अली रोड और बेहरामपाड़ा जैसे इलाकों में नरम पड़ जाते हैं। राणे के इस बयान ने राज्य की सियासत में जाति और धर्म आधारित बयानबाजी को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है, जबकि मनसे और भाजपा के बीच तीखी बयानबाज़ी का दौर पहले से जारी है।