मुंबई, 26 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। उन्होंने यहां भारतीय न्यायपालिका की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 जारी की। पीएम ने अपने संबोधन में कहा, हमने देश में आपातकाल देखा है। हमारे संविधान ने लोकतंत्र के सामने आई इस चुनौती का सामना किया है। ये संविधान की ही ताकत है कि आज जम्मू-कश्मीर में बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान पूरी तरह से लागू हो रहा है। आज पहली बार जम्मू-कश्मीर में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये भारतीय संविधान का 75वां वर्ष है। ये देश के लिए बहुत गर्व की बात है। मैं संविधान और संविधान सभा के सभी सदस्यों को नमन करता हूं। हम यह नहीं भूल सकते कि आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है।
पीएम ने कहा, जिन लोगों ने इस हमले में अपनी जान गंवाई। मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं देश के संकल्प को भी दोहराना चाहता हूं कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले सभी आतंकवादी संगठनों को करारा जवाब मिलेगा। डॉ राजेंद्र प्रसाद ने संविधान सभा में अपने भाषण में कहा था कि भारत को 50 ईमानदार लोगों के समूह की जरूरत है, जो देश के हित को अपने से ऊपर रखते हैं। राष्ट्र प्रथम की ये भावना आने वाले कई सालों तक भारतीय संविधान को जीवंत रखेगी। संविधान ने मुझसे जो मर्यादा मांगी मैंने उसका पालन करने का प्रयास किया है। मैंने उसका अतिक्रमण करने का प्रयास नहीं किया है। एक समय था जब वरिष्ठ नागरिकों को बैंकों में जाकर यह साबित करना पड़ता था कि वे जीवित हैं। आज वरिष्ठ नागरिक डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। संविधान की मूल प्रति में भगवान राम, माता सीता की तस्वीरें हैं। भारतीय संस्कृति के प्रतीक चित्र इसलिए हैं ताकि वे हमें मानवीय मूल्यों की याद दिला सकें। ये मानवीय मूल्य आज के भारत की नीतियों और निर्णयों का आधार हैं।