मुंबई, 10 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। हाई कोर्ट ने परकोटे (वॉलसिटी) में संचालित 19 कॉमर्शियल-कॉम्प्लेक्स के मामले में यथास्थिति के आदेश वापस ले लिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस भुवन गोयल ने आज कॉम्प्लेक्स संचालकों के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कहा कि इस बैंच की समकक्ष बैंच ने सील के आदेश जारी किए थे। ऐसे में समकक्ष बैंच की अपील इस बैंच में नहीं हो सकती हैं। इसके लिए पक्षकार चाहे तो सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं। वहीं अगर वे 25 फरवरी के आदेश में कोई संशोधन चाहते है कि तो संबंधित बैंच के सामने मामले को मेंशन करे। हाई कोर्ट ने इस मामले में प्रार्थना पत्र पेश करने वाले दुकानदारों को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए थे। हाई कोर्ट में प्रभावित कॉम्प्लेक्स संचालकों की ओर से कहा गया कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद जो रिपोर्ट तैयार की गई। वो पूरी तरह से गलत, त्रुटिपूर्ण और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ हैं। उस रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने इन 19 कॉमर्शियल-कॉम्प्लेक्स को सील करने का आदेश जारी कर दिया।
हाई कोर्ट के आज के आदेश से इन कॉम्प्लेक्स में संचालित करीब 900 शोरूम व दुकानों के व्यापारियों को झटका लगा हैं। हाई कोर्ट के 25 फरवरी के आदेश के बाद हेरिटेज निगम ने इन कॉम्प्लेक्स को सील करने के नोटिस जारी कर दिए थे। जिसके खिलाफ प्रभावित कॉम्प्लेक्स संचालक और दुकानदार हाई कोर्ट पहुंचे थे। हाई कोर्ट ने तीन दिन पहले मामले में यथास्थिति के आदेश जारी किए थे। लेकिन तीन दिन बाद ही हाई कोर्ट ने यथास्थिति के आदेश वापस ले लिए। जिससे अब 25 फरवरी का आदेश प्रभावी हो गया है। ऐसे में निगम इन कॉम्प्लेक्स को सील करने की कार्रवाई कर सकता हैं। परकोटे में आवासीय भवनों में कॉमर्शियल गतिविधियों को लेकर हाई कोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था। वहीं रिहायशी क्षेत्र में अवैध निर्माण होना व व्यवसायिक गतिविधियों को संचालित करना कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन माना था। 25 फरवरी के आदेश से हाई कोर्ट ने इन भवनों को सील करते हुए निगम को 11 मार्च तक पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था।