मुंबई, 05 सितम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी प्रमुख अजित पवार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें वे महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा से बहस करते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह घटना 31 अगस्त को सोलापुर जिले के कुर्दु गांव की है। उस दौरान आईपीएस अधिकारी अवैध रेत खनन रोकने के लिए मौके पर पहुंची थीं। वीडियो में देखा जा सकता है कि अंजना कृष्णा सिविल ड्रेस में हाथ में मोबाइल लेकर खड़ी हैं और किसी कॉल पर बात कर रही हैं। इसी दौरान अजित पवार की उनसे फोन पर बातचीत हो रही है। आरोप है कि बातचीत के दौरान अजित पवार ने अधिकारी को कार्रवाई रोकने के लिए कहा। वीडियो सामने आने के बाद इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि अजित पवार मजबूत नेता और सक्षम प्रशासक हैं। उन्होंने बाद में खुद यह माना कि उनकी ओर से गलती हुई थी, क्योंकि उन्हें उस वक्त पता नहीं था कि सामने वाली एक अधिकारी हैं। अठावले ने कहा कि पवार ने यह भी स्वीकार किया है कि उनका व्यवहार उचित नहीं था।
मामले पर सफाई देते हुए अजित पवार ने एक्स पर लिखा कि सोलापुर की घटना से जुड़े वीडियो वायरल हो रहे हैं, लेकिन उनका मकसद कानून में हस्तक्षेप करना नहीं था। वे सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि मौके पर स्थिति बिगड़े नहीं। पवार ने कहा कि वे हमेशा पुलिस बल और अधिकारियों का सम्मान करते हैं और अवैध खनन या अन्य गतिविधियों के खिलाफ कानूनन कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। एनसीपी ने भी इस मामले में अपना पक्ष रखा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि वीडियो जानबूझकर लीक किया गया है और घटना पुरानी है। उनका दावा है कि अजित पवार ने कार्रवाई रोकने का इरादा नहीं जताया, बल्कि हो सकता है कि उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को शांत रखने के लिए अधिकारी से सख्ती से बात की हो। तटकरे ने कहा कि पवार अपनी स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं और कभी भी अवैध कामों का समर्थन नहीं करते।