मुंबई, 1 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसका भारत में धार्मिक महत्व है। सूर्य ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, जिससे पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश अवरुद्ध हो जाता है। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को रात 9:13 बजे से शुरू होकर 3 अक्टूबर को सुबह 3:17 बजे समाप्त होगा। सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद हिंदू श्रद्धालु स्नान करते हैं।
सूर्य ग्रहण के समापन के बाद कुछ चीजों का दान करना महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि के साथ-साथ भगवान सूर्य देव की कृपा भी मिलती है। अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम ने भारत में सूर्य ग्रहण के बाद दान की तिथि, समय और महत्व साझा किया।
पंडित कल्कि राम ने बताया कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आश्विन मास की अमावस्या यानी 2 अक्टूबर को लगेगा। भारतीय समय के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को शुरू होकर 3 अक्टूबर को सुबह 3:17 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी भारत में मान्य नहीं होगा। पंडित राम ने सूर्य ग्रहण के बाद किए जाने वाले उपायों और दान के बारे में बताया।
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर पूजा-पाठ करें। साथ ही अपनी श्रद्धा के अनुसार गरीबों को चना, गेहूं, गुड़ और दाल का दान करें। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को अपने सभी कार्यों में सफलता मिलती है और सूर्य ग्रहण के प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद केले, बेसन के लड्डू और पेड़े का दान करना भी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसे उपायों को करने से व्यक्ति को सभी तरह के दुख-दर्द से मुक्ति मिलती है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि भी बढ़ती है।
- सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद आप लाल रंग के कपड़े, दूध और चावल का दान कर सकते हैं। पंडित कल्कि राम कहते हैं कि सूर्य ग्रहण समाप्त होने के बाद घर में झाड़ू लगाना और गंगाजल छिड़ककर शुद्धिकरण करना जरूरी है। मान्यता है कि ऐसा करने से सूर्य ग्रहण की नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं करती हैं।