सऊदी अरब में झारखंड के 45 प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. उन्होंने वीडियो शेयर कर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है. मजदूरों का कहना है कि कंपनी की ओर से उन्हें पिछले 5 महीने से वेतन नहीं दिया गया है और न ही खाने-पीने के लिए कुछ दिया जा रहा है. मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर अपनी कहानी बताई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झारखंड के 45 मजदूर 11 जून 2023 को मजदूरी के लिए सऊदी अरब गए थे. झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के 45 प्रवासी मजदूर सऊदी अरब में फंसे हुए हैं. वीडियो में मजदूरों ने कहा है कि कॉमर्शियल टेक्नोलॉजी प्लस कंपनी उन्हें सऊदी अरब ले गई. इतना ही नहीं सभी कर्मचारी 55 हजार का कमीशन लेकर वहां गये थे. उन्होंने कहा कि भारत से सऊदी अरब आते समय एक समझौता हुआ था कि उन्हें रात में रुकने के लिए 1500 रियाल और 700 रियाल देने का वादा किया गया था। उन्होंने कहा कि सिर्फ 2 महीने का वेतन दिया गया है और पिछले पांच महीने का वेतन नहीं दिया गया है.
इस मामले में प्रवासी मजदूरों के हित में काम कर रहे सिकंदर अली ने भारत सरकार और राज्य सरकार से मजदूरों की मदद की अपील की है. उन्होंने कहा कि कम वेतन के कारण लोग विदेश जा रहे हैं लेकिन वहां उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में ऐसे कई मजदूर हैं जो इस तरह के प्रलोभन का शिकार हो रहे हैं.
गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के तारानारी के अर्जुन महतो, भागीरथ महतो, टेकलाल महतो, बेको के संतोष साव, महेश साव, कामेश्वर साव, खेतको के महेश महतो, रीतलाल महतो, विजय महतो, मुंडरो के अशोक महतो, डुमरी प्रखंड के जरमुने सोहन कुमार . इनमें बरियारपुर के इंद्रदेव महतो, चेनपुर के राजेश कुमार महतो, पोरदाग गणेश साव, डुमरी के सुभाष कुमार व जानकी महतो शामिल हैं. वहीं, बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के पोखरिया जगदीश महतो, गोनियाटो के रामचंद्र महतो, गोमियां प्रखंड के करीना प्रदीप महतो, सेठबारा के मनोहर महतो सऊदी अरब में फंसे हैं.