इजराइल और लेबनान के बीच चल रहे संघर्ष को लेकर आई द गार्जियन (The Guardian) की एक नई जाँच रिपोर्ट ने एक बड़ा खुलासा किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस संघर्ष के दौरान इजराइल ने ऐसे क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया है, जिन पर दुनिया भर में पाबंदी है। इस जंग की वजह से लेबनान के कई दक्षिणी इलाके खंडहर में बदल गए हैं, गाँव उजड़ गए हैं, और एक बड़ी आबादी विस्थापित हुई है।
दो तरह के क्लस्टर हथियारों के अवशेष
रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण लेबनान के घने, पहाड़ी इलाकों से मिली तस्वीरों और सबूतों ने इस दावे को पुख्ता किया है। जाँच में यहाँ दो विशिष्ट प्रकार के क्लस्टर हथियारों के अवशेष पाए गए हैं:
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155mm M999 बराक एतान शेल (Barak Eitan Shell):
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227mm राअम एतान गाइडेड मिसाइल (Ra'am Eitan Guided Missile):
इज़राइली सेना ने इन हथियारों के इस्तेमाल की न तो पुष्टि की है और न ही खंडन। हालांकि, सेना ने इतना जरूर कहा है कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वैध हथियारों का ही इस्तेमाल करते हैं और नागरिकों को नुकसान से बचाने की लगातार कोशिश करते हैं।
क्लस्टर बम क्यों हैं इतने खतरनाक?
क्लस्टर म्यूनिशन को दुनिया भर में सबसे खतरनाक हथियारों में से एक माना जाता है, यही वजह है कि 124 देशों ने इनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया है।
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विशाल क्षेत्र में फैलाव: ये हथियार हवा में खुलने के बाद दर्जनों छोटे-छोटे बम (Bomblets) गिराते हैं, जो कई फुटबॉल मैदान जितने क्षेत्र में फैलकर विस्फोट करते हैं।
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अनफटे बमों का खतरा (Dud Rate): सबसे घातक पहलू यह है कि इनमें से 40% तक बम उसी समय नहीं फटते। ये अनफटे बम (जिसे 'डड्स' कहा जाता है) दशकों तक जमीन पर पड़े रहते हैं।
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दीर्घकालिक खतरा: ये अनफटे बम दशकों बाद भी किसी बच्चे, किसान या आम नागरिक की जान ले सकते हैं। यही कारण है कि 124 देशों ने इनके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि (Cluster Munitions Convention) पर हस्ताक्षर किए हैं। इज़राइल इस संधि का हिस्सा नहीं है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित कई मानवाधिकार समूहों का स्पष्ट कहना है कि क्लस्टर बमों का जिम्मेदार तरीके से इस्तेमाल करना संभव ही नहीं है। ये हमेशा नागरिकों को मारते हैं— न केवल युद्ध के वक्त, बल्कि दशकों बाद भी।
लेबनान का दर्द और 2006 की यादें
लेबनान के लोगों के लिए क्लस्टर बमों के अवशेष मिलना 2006 के युद्ध की दर्दनाक यादें ताजा कर देता है।
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2006 में इज़राइल ने लेबनान पर करीब 40 लाख क्लस्टर बम गिराए थे।
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इनमें से करीब 10 लाख बम फटे ही नहीं।
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तब से अब तक 400 से अधिक लोग इन्हीं अनफटे बमों की चपेट में आकर मारे जा चुके हैं।
नए अवशेषों की खोज ने दक्षिण लेबनान के लोगों में एक बार फिर दहशत और गुस्सा दोनों पैदा कर दिया है, क्योंकि वे जानते हैं कि यह खतरा उनकी अगली पीढ़ियों तक बना रहेगा।