मुंबई, 24 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (KPK) के कुर्रम जिले में गुरुवार से जारी हिंसा में मरने वालों की संख्या 82 पहुंच गई है, जबकि 156 लोग घायल हैं। मरने वालों में 16 सुन्नी और 66 शिया समुदाय के लोग हैं। हमलावरों ने महिलाओं और बच्चों सहित कई लोगों को बंधक बना रखा है और शव सौंपने से इनकार कर रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा के मंत्री आफताब आलम ने कहा, आज हमारी पहली कोशिश दोनों गुटों के बीच युद्ध विराम कराना है। जैसे यह होगा, हम दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश करेंगे। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, अभी भी जिले के कई इलाके में दोनों गुटों के बीच छिटपुट गोलीबारी जारी है। बीते दिनों कुर्रम जिले के मंदुरी और ओछाट में 50 से ज्यादा पैसेंजर वैन पर गोलीबारी की गई, जिसमें 6 वैन को भारी नुकसान पहुंचा था। ये सभी गाड़ियां एक काफिले में पारचिनार से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर जा रही थी। अफगानिस्तान की सीमा से सटे शिया बहुल कुर्रम जिले में अलीजई (शिया) और बागान (सुन्नी) जनजाति के बीच दशकों से संघर्ष चल रहा है।
वहीं, खैबर पख्तूनख्वा को लेकर हमेशा से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव रहा है। इस वजह से कई आतंकी गुट इसे पनाहगाह की तरह इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा यहां रहने वाली जनजातियों में भी लंबे वक्त से जमीन विवाद चला आ रहा है। यहां पर होने वाली आतंकी घटनाओं की एक बड़ी वजह बॉर्डर एरिया को लेकर दोनों देशों में आपसी सहमति न होना है। दरअस्ल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक सीमा के जरिए अलग होते हैं। इसे डूरंड लाइन कहा जाता है। पाकिस्तान इसे बाउंड्री लाइन मानता है, लेकिन तालिबान का साफ कहना है कि पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा राज्य उसका ही हिस्सा है। पाकिस्तानी सेना ने यहां कांटेदार तार से फेंसिंग की है। अफगानिस्तान पर कब्जे पर तालिबान ने पाकिस्तान से इस इलाके को खाली करने को कहा और यहां लगी फेंसिंग उखाड़ दी। पाकिस्तान ने इसका विरोध किया और वहां फौज तैनात कर दी। इसके बाद तालिबान ने वहां मौजूद पाकिस्तानी चेक पोस्ट्स को उड़ा दिया था। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया।