ताजा खबर

Banke Bihari Ji Charan Darshan: अक्षय तृतीया के दिन ही होते हैं बांके बिहारी जी के चरण दर्शन, जानें इसके पीछे क्या जुड़ी है धार्मिक मान्यता

Photo Source :

Posted On:Monday, April 21, 2025

वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर दुनियाभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। यहां हर दिन हजारों भक्त ठाकुर जी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि श्रीकृष्ण के स्वरूप बांके बिहारी के दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पूरे वर्ष मंदिर में ठाकुर जी के मुख दर्शन होते हैं, लेकिन उनके चरणों के दर्शन केवल एक बार — अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर ही संभव होते हैं। यह विशेष अवसर भक्तों के लिए अत्यंत दुर्लभ और पुण्यदायी माना जाता है।

क्यों होते हैं केवल अक्षय तृतीया पर चरण दर्शन?

बांके बिहारी जी के चरण दर्शन से जुड़ी एक बेहद रोचक और आध्यात्मिक कथा प्रचलित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, वृंदावन के निधिवन में स्वामी हरिदास भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहते थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर ठाकुर बांके बिहारी स्वामी हरिदास के समक्ष स्वयं प्रकट हुए।

स्वामी हरिदास ने जब ठाकुर जी की सेवा प्रारंभ की, तो उन्हें कई बार आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा। एक दिन प्रातःकाल जब वे प्रभु की सेवा के लिए उठे, तो उन्होंने ठाकुर जी के चरणों में एक स्वर्ण मुद्रा (सोने का सिक्का) पाई। इसके बाद प्रतिदिन ठाकुर जी के चरणों से उन्हें स्वर्ण मुद्रा प्राप्त होने लगी, जिससे वे भगवान की सेवा, पूजा और भोग का प्रबंध करने लगे।

इस चमत्कार के बाद से यह विश्वास बन गया कि ठाकुर जी के चरणों में अपार संपत्ति और शुभता का वास है। स्वामी हरिदास के समय से ही भगवान के चरणों को पोशाक से ढकने की परंपरा शुरू हो गई, ताकि भौतिक लालसा भक्तों के मन में उत्पन्न न हो। तभी से साल में केवल एक बार, अक्षय तृतीया के दिन ठाकुर जी के चरणों के दर्शन कराए जाते हैं।

चरण दर्शन का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त अक्षय तृतीया के दिन ठाकुर बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन करते हैं, उन्हें विशेष पुण्य और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यह अवसर जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। यही कारण है कि इस दिन वृंदावन में हजारों श्रद्धालु एक झलक पाने के लिए उमड़ते हैं।

अक्षय तृतीया 2025 की तिथि

अक्षय तृतीया हर वर्ष वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह शुभ दिन 30 अप्रैल को पड़ रहा है। अक्षय तृतीया को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सोना खरीदना, नए कार्य आरंभ करना और दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका फल अक्षय यानी कभी समाप्त न होने वाला होता है।

निष्कर्ष

बांके बिहारी मंदिर में अक्षय तृतीया पर होने वाला चरण दर्शन केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि श्रद्धा, आस्था और दिव्यता का अद्वितीय संगम है। यह दिन भक्तों को प्रभु की सेवा में लीन रहने और आत्मिक शांति प्राप्त करने का एक दुर्लभ अवसर प्रदान करता है। यदि आप भी इस शुभ दिन वृंदावन में बांके बिहारी जी के चरणों के दर्शन कर सकें, तो यह जीवन भर की सबसे विशेष अनुभूति हो सकती है।


अलीगढ़, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. aligarhvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.