Hariyali Teej 2024: 6 या 7 अगस्त,कब मनाई जाएगी हरियाली तीज? वीडियो के माध्यम से एक क्लिक में दूर करें सारी कन्फ्यूजन

Photo Source :

Posted On:Saturday, August 3, 2024

ज्योतिष न्यूज डेस्क !!! हरियाली तीज 2024 में 19 अगस्त को मनाई जाएगी। यह त्योहार मुख्यतः उत्तर भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है। हरियाली तीज भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है और सावन के महीने में हरियाली और सौंदर्य का उत्सव भी है।

हरियाली तीज 2024 की तिथि

  • तारीख: 19 अगस्त 2024, सोमवार

हरियाली तीज का महत्व

  1. वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि:

    • हरियाली तीज का त्योहार विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। इस दिन महिलाएँ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं और अपने वैवाहिक जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं।
  2. प्रकृति का उत्सव:

    • सावन महीने में हरियाली तीज का आयोजन होता है जब चारों ओर हरियाली होती है। यह प्रकृति के सौंदर्य और नवजीवन का प्रतीक है।
  3. पार्वती की तपस्या का स्मरण:

    • इस दिन की कथा देवी पार्वती की कठोर तपस्या की याद दिलाती है, जो उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए की थी। महिलाएँ इस दिन उपवास रखती हैं और देवी पार्वती की आराधना करती हैं।

हरियाली तीज की परंपराएँ

  1. व्रत और पूजा:

    • हरियाली तीज के दिन महिलाएँ व्रत रखती हैं और भगवान शिव तथा देवी पार्वती की पूजा करती हैं। वे विशेष रूप से पार्वती के रूप में सजी-धजी मूर्तियों की आराधना करती हैं।
  2. झूला झूलना:

    • इस दिन झूला झूलने की परंपरा होती है। बगीचों और घरों के आँगन में महिलाएँ पेड़ों पर झूले डालकर झूलती हैं और सावन के गीत गाती हैं।
  3. सजना-संवरना:

    • महिलाएँ इस दिन नए कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं और विशेष रूप से तैयार होती हैं। यह दिन महिलाओं के सौंदर्य और सजावट का प्रतीक होता है।
  4. लोकगीत और नृत्य:

    • हरियाली तीज के दिन महिलाएँ समूह में एकत्रित होकर लोकगीत गाती हैं और नृत्य करती हैं। यह उनके लिए एक-दूसरे से मिलने और सामाजिक संबंध मजबूत करने का अवसर होता है।
  5. पारंपरिक भोजन:

    • इस दिन विशेष प्रकार के पारंपरिक भोजन बनाए जाते हैं। गुड़, घेवर, पूड़ी, और अन्य मिठाइयाँ इस त्योहार का मुख्य आकर्षण होती हैं।

हरियाली तीज की कहानी

हरियाली तीज से जुड़ी प्रमुख कथा के अनुसार, देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। हरियाली तीज के दिन महिलाएँ देवी पार्वती की इसी कठोर तपस्या और उनके प्रेम को याद करती हैं।

निष्कर्ष

हरियाली तीज न केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह प्रकृति, प्रेम और समर्पण का भी प्रतीक है। यह त्योहार महिलाओं के जीवन में खुशियों और रंगों का संचार करता है और उन्हें अपने रिश्तों में सामंजस्य और प्रेम बनाए रखने की प्रेरणा देता है। हरियाली तीज के माध्यम से भारतीय संस्कृति की सुंदरता और परंपराओं को भी संरक्षित और संजोया जाता है। 2024 में हरियाली तीज को धूमधाम से मनाने के लिए आप भी तैयारियाँ करें और इस शुभ अवसर का आनंद लें।






4o


अलीगढ़, देश और दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. aligarhvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.