हिंदू कैलेंडर के अनुसार सनातन धर्म में हर त्यौहार का अपना विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कालाष्टमी व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के रूद्र अवतार काल भैरव की विधि-विधान से पूजा की जाती है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तंत्र-मंत्र की सिद्धियों को सिद्ध करने के लिए कालभैरव की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार कालाष्टमी के दिन निशिता मुहूर्त में काल भैरव की पूजा की जाती है. आज इस खबर में हम जानेंगे कि माघ मास का मासिक कालाष्टमी व्रत कब है और इस दिन पूजा का शुभ समय क्या है। आइए इन सबके बारे में विस्तार से जानते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो लोग इस दिन काल भैरव की विधिपूर्वक पूजा करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही सभी प्रकार के भय से भी मुक्ति मिलती है।
माघ मास की कालाष्टमी व्रत कब है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल 2024 में माघ महीने की कालाष्टमी कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को है. कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुक्रवार, 2 फरवरी को शाम 4:02 बजे शुरू होगी। वही अंत की बात करें तो ये अगले दिन यानि 3 फरवरी 2024 शनिवार को शाम 5 बजकर 20 मिनट पर होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, कालाष्टमी व्रत निशिता मुहूर्त में किया जाता है। जिसमें अष्टमी तिथि होनी चाहिए. पंचांग के अनुसार कालाष्टमी व्रत 2 फरवरी को रखा जाएगा.
कालाष्टमी पूजा का समय कब है?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार कालाष्टमी व्रत यानी सूर्योदय के बाद अभिजीत मुहूर्त पूजा का शुभ समय दोपहर 12.13 बजे से 12.57 बजे तक है। कालाष्टमी के दिन बाबा भैरव की पूजा करने का शुभ समय सुबह 5.24 बजे से 6.17 बजे तक है। इस शुभ मुहूर्त में बाबा काल भैरव की पूजा कर सकते हैं. कालाष्टमी व्रत 2 फरवरी को मनाया जाएगा. साथ ही निशिता काल में काल भैरव की पूजा की जाएगी। बाबा काल भैरव की पूजा का शुभ समय रात 12:08 बजे से 1:01 बजे तक है। कालाष्टमी व्रत की पूजा सूर्योदय के बाद भी की जा सकती है।