भारत में अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले पाकिस्तान ने आतंकवाद का नापाक खेल शुरू कर दिया है। पाकिस्तान में बैठे आतंकी अमरनाथ यात्रा के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। हालांकि, भारतीय एजेंसियों ने पाकिस्तान के नापाक इरादों को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आ गया है। कुख्यात आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने लाहौर और बहावलपुर में बैठकें बुलाई हैं, जिसमें अमरनाथ यात्रा के रूट पर हमले की साजिश रची जा रही है।
अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान में लगातार साजिशें चल रही हैं, लाहौर और बहावलपुर में हथियारों की संख्या बढ़ाने के लिए बैठकें हो रही हैं। लाहौर में लश्कर-ए-तैयबा ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बड़ी बैठक की, जिसमें दूसरे नंबर का आतंकी आमिर अब्दुल रहमान मक्की भी शामिल हुआ। कथित तौर पर बैठक का मुख्य एजेंडा जम्मू-कश्मीर में कम से कम 20 मिलियन डॉलर के अमेरिकी हथियार भेजने की योजना बनाना है। वे इन हथियारों का इस्तेमाल अमरनाथ यात्रा के पूरे रूट पर आतंकी हमलों की साजिश रचने में करना चाहते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद ने अमरनाथ यात्रा को लेकर बहावलपुर में एक और बैठक की। इस बैठक में कथित तौर पर मुफ्ती अब्दुल रऊफ, पाकिस्तानी आईएसआई अधिकारी और कई आतंकवादी शामिल थे। बैठक के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के जमीनी कार्यकर्ताओं को सक्रिय होने के लिए धन मुहैया कराने के निर्देश दिए गए थे। न केवल घाटी के भीतर बल्कि जम्मू में भी संभावित फिदायीन हमले के लिए आतंकवादियों को हथियार मुहैया कराने की योजना बनाई गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने लगातार आतंकवादियों के लिए कई लॉन्च पैड सक्रिय किए हैं। हैरानी की बात यह है कि ये लॉन्च पैड पाकिस्तानी सैन्य चौकियों के भीतर हैं, जो अक्सर आतंकवादियों और पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों के साथ स्थित होते हैं।1 जुलाई से जम्मू और कश्मीर में वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू होगी, जिसमें भगवान शिव के दर्शन के लिए लाखों भक्तों के आने की उम्मीद है। 43 दिनों तक चलने वाली यह तीर्थयात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी। यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत और व्यापक है।