17 सितंबर को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तेलंगाना के हैदराबाद में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के दौरान बड़ा बयान दिया। उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष विराम और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर स्पष्टता प्रदान की। राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोग यह दावा करते हैं कि इस संघर्ष विराम का कारण किसी बाहरी हस्तक्षेप या दबाव था, लेकिन मैं इसे पूरी तरह से खारिज करता हूं। उनका कहना था कि आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई किसी के दबाव या हस्तक्षेप की वजह से स्थगित नहीं हुई है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है, लेकिन अगर फिर से कोई आतंकवादी घटना होती है तो यह ऑपरेशन तुरंत फिर से शुरू कर दिया जाएगा। यह बयान एक बड़ा संकेत माना जा रहा है, क्योंकि इससे यह जाहिर होता है कि भारत अपनी सुरक्षा नीतियों में कोई समझौता नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख बनाए रखेगा।
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की बहादुरी की भी प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक कमांडर ने स्वीकार किया है कि बहावलपुर हमले में मसूद अजहर के परिवार के कई आतंकवादी मारे गए थे। मसूद अजहर को भारत में एक प्रमुख आतंकी नेता माना जाता है, जिसकी गिरफ्तारी और सफाया भारत के लिए बड़ी प्राथमिकता है। इस हमले ने भारतीय सेना की कुशलता और साहस को फिर से साबित किया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत नेतृत्व में संभव हो पाया है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि आज भारत की ताकत इतनी बढ़ चुकी है कि कोई भी ताकत भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की हिम्मत नहीं कर सकती। यह स्पष्ट संदेश था कि भारत आतंकवाद और किसी भी प्रकार की आंतरिक या बाहरी धमकी को बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सेना और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हैं और किसी भी परिस्थिति में देश की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियान भारत के आतंकी घुसपैठियों और उनके ठिकानों को खत्म करने के लिए चलाए जा रहे हैं और भारत अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।
राजनाथ सिंह के इस बयान से यह साफ संकेत मिलता है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में कोई नरमी नहीं अपनाई है। साथ ही यह भी जाहिर होता है कि भारत की रक्षा नीति में सतर्कता और तैयारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उनकी यह टिप्पणी उन लोगों के लिए स्पष्ट संदेश थी जो भारत की आंतरिक सुरक्षा और संप्रभुता को कम आंकते हैं या उसके खिलाफ साजिश रचते हैं।
इस पूरे परिदृश्य में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सुरक्षा व्यवस्था और भी सुदृढ़ हो गई है। प्रधानमंत्री की नीति ने देश को आतंकवाद के खिलाफ सशक्त बनाया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की ताकत को बढ़ावा दिया है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए भारतीय सेना ने यह साबित किया है कि वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है और आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएगी।
इसलिए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के 17 सितंबर के बयान ने एक बार फिर से भारत के दृढ़ और अडिग रुख को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है कि देश की सुरक्षा और संप्रभुता सर्वोपरि है, और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी, चाहे जो भी परिस्थिति हो।