रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच अमेरिका की ओर से मध्यस्थता की कोशिशें जारी हैं। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार यह कहते रहे हैं कि वह इस युद्ध को खत्म करना चाहते हैं। लेकिन रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के हालिया बयान से यह साफ हो गया है कि अमेरिका और रूस के बीच अब तक किसी समाधान पर सहमति नहीं बन सकी है।
🇷🇺 रूस का रुख: बातचीत के लिए तैयार, लेकिन सहमति नहीं
सर्गेई लावरोव, रूस के विदेश मंत्री, ने बताया कि अमेरिकी वार्ताकारों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है। लेकिन इन प्रयासों के बावजूद यूक्रेन संकट पर कोई ठोस सहमति नहीं बनी है। लावरोव ने रूसी समाचार पत्र कोमर्सेंट को दिए इंटरव्यू में कहा कि रूस, अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखने को तैयार है क्योंकि वह ट्रंप और जो बाइडेन की नीतियों में एक बड़ा अंतर देखता है।
उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप यूक्रेन संकट के मूल कारण को समझने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन का नजरिया एकतरफा है।”
नाटो को रूस की सीधी धमकी
रूस के खुफिया प्रमुख सर्गेई नारिश्किन ने नाटो देशों को साफ शब्दों में धमकी दी है। उन्होंने कहा कि यदि पोलैंड और बाल्टिक देश (लातविया, लिथुआनिया, एस्तोनिया) ने रूस और बेलारूस के खिलाफ उकसावे की कार्रवाई जारी रखी, तो रूस जवाबी हमला करेगा।
नारिश्किन ने यह भी खुलासा किया कि पोलैंड, रूस और बेलारूस की सीमाओं पर 20 लाख एंटी टैंक माइंस बिछाने की योजना बना रहा है। इसे रूस ने सीधा उकसावा करार दिया है और चेतावनी दी है कि इसका खामियाजा सबसे पहले पोलैंड और उसके सहयोगियों को भुगतना पड़ेगा।
ट्रंप का तीखा बयान: "जंग यूक्रेन ने शुरू की"
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बड़ा बयान देते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की पर युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया। ट्रंप ने कहा:
“आप एक ऐसे देश के खिलाफ, जो आपसे 20 गुना बड़ा है, युद्ध नहीं शुरू कर सकते और फिर दुनिया से मिसाइलों की उम्मीद करें।”
ट्रंप का यह बयान कई देशों में आलोचना का विषय भी बन रहा है क्योंकि इससे यह संकेत मिल रहा है कि वे रूस की कार्रवाइयों को उतना गलत नहीं मानते जितना मौजूदा अमेरिकी प्रशासन।
सूमी में मिसाइल हमला, 35 की मौत
इस बीच रूस ने यूक्रेन के सूमी शहर पर बड़ा मिसाइल हमला किया है जिसमें 35 लोगों की मौत हो चुकी है, और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह हमला उस समय हुआ जब दुनिया के नेता युद्ध को रोकने की बात कर रहे हैं, और यह दिखाता है कि हालात किस कदर बिगड़ चुके हैं।
क्या निकलेगा कोई समाधान?
रूस की ओर से यह संकेत जरूर मिला है कि डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में बातचीत की संभावना ज्यादा है। लेकिन यूक्रेन पर रूस के लगातार हमलों और नाटो के खिलाफ बढ़ते तनाव के बीच यह स्पष्ट नहीं है कि शांति की कोई राह निकलेगी या नहीं।
इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या राजनयिक प्रयास युद्ध को रोक पाएंगे, या फिर यह टकराव और गहराता चला जाएगा?
निष्कर्ष
रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल से अधिक हो चुके हैं और अब भी शांति की कोई ठोस उम्मीद नजर नहीं आ रही। रूस की धमकियों और ट्रंप के बयानों से एक बात साफ है—यह युद्ध अब सिर्फ दो देशों की लड़ाई नहीं रह गई है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति का अहम मोर्चा बन चुका है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि क्या डोनाल्ड ट्रंप की पहल से कुछ ठोस बदलाव हो पाएंगे या हालात और बिगड़ेंगे।