मनी ट्रेडिंग और ऑनलाइन विदेशी मुद्रा (Forex) निवेश करने वालों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक महत्वपूर्ण और सख्त कदम उठाया है। आरबीआई ने अपनी अलर्ट लिस्ट में 7 नई कंपनियों और उनकी वेबसाइटों को शामिल करते हुए जनता को आगाह किया है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी प्रकार की ट्रेडिंग न करें। इन सभी कंपनियों को अवैध रूप से संचालित पाया गया है और ये विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग से जुड़ी सेवाओं के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त चैनल के तहत रजिस्टर्ड नहीं हैं।
अलर्ट लिस्ट में शामिल किए गए नए नामों में शामिल हैं—
स्टारनेट एफएक्स, कैपप्लेस, मिररॉक्स, फ्यूजन मार्केट्स (fusionmarkets.com), ट्राइव (trive.com), एनएक्सजी मार्केट्स (nxgmarkets.com) और नॉर्ड एफएक्स (nordfx.com)।
आरबीआई ने जारी नोटिस में कहा है कि ये प्लेटफॉर्म फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत आवश्यक अनुमति प्राप्त नहीं करते हैं। ऐसे अनधिकृत प्लेटफॉर्म अवैध विदेशी मुद्रा लेनदेन को बढ़ावा देते हैं और उच्च रिटर्न का लालच देकर निवेशकों को आकर्षित करते हैं, जिससे बड़े वित्तीय घोटालों की संभावना बढ़ती है। केंद्रीय बैंक ने उपभोक्ताओं और निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग या मार्जिन ट्रेडिंग जैसी सेवाओं की पेशकश करने वाले किसी भी अनियमित डिजिटल प्लेटफॉर्म से दूरी बनाए रखें। ये प्लेटफॉर्म न केवल अवैध रूप से चलते हैं, बल्कि इनके जरिए किए गए निवेश पूरी तरह असुरक्षित होते हैं।
आरबीआई की अलर्ट लिस्ट का मुख्य उद्देश्य जनता को उन संस्थाओं और वेबसाइटों की पहचान करने में मदद करना है जो वित्तीय जोखिम और धोखाधड़ी का माध्यम बन सकती हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऑनलाइन फॉरेक्स ट्रेडिंग से जुड़े घोटाले तेजी से बढ़े हैं, जिसके कारण आरबीआई को कई बार अपनी चेतावनियों को दोहराना पड़ा है।केंद्रीय बैंक ने दो टूक कहा है कि विदेशी मुद्रा से जुड़े किसी भी प्रकार के लेनदेन केवल RBI द्वारा अधिकृत डीलरों और बैंकों के माध्यम से ही किए जाने चाहिए। अनियमित प्लेटफॉर्म द्वारा उच्च मुनाफे का दावा आमतौर पर एक जाल होता है, जिसका अंत बड़े वित्तीय नुकसान में होता है।
आरबीआई ने यह भी याद दिलाया कि अनधिकृत विदेशी मुद्रा व्यापार में शामिल होना भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे लेनदेन में पकड़े जाने पर न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है। अलर्ट लिस्ट में उन संस्थाओं और वेबसाइटों को भी शामिल किया गया है जो विज्ञापनों, प्रशिक्षण कार्यक्रमों या सलाहकार सेवाओं के नाम पर अवैध फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का प्रचार करती हैं। ये प्लेटफॉर्म लोगों को प्रशिक्षित करने या गाइडेंस देने के नाम पर अवैध गतिविधियों की ओर प्रेरित करते हैं।
आरबीआई की यह सख्त कार्रवाई स्पष्ट संकेत है कि केंद्रीय बैंक डिजिटल वित्तीय प्लेटफॉर्म पर निगरानी और नियमन को मजबूत करने के लिए गंभीर है। निवेशकों को अब पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। केवल अधिकृत चैनलों के माध्यम से ही विदेशी मुद्रा लेनदेन करने से आर्थिक नुकसान के साथ-साथ कानूनी जोखिम से भी बचा जा सकता है। यह फैसला मनी ट्रेडिंग में लगे लाखों भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है—सावधान रहें, जांचें और फिर ही निवेश करें।