राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने आज IIT मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को डिग्रियां देने के बाद एक गंभीर और प्रेरणादायक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने भारत की सुरक्षा, वैश्विक छवि और राष्ट्र निर्माण जैसे अहम मुद्दों को उठाया। सबसे खास बात रही ऑपरेशन सिंदूर पर उनकी टिप्पणी, जो इन दिनों अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में है।
ऑपरेशन सिंदूर और विदेशी मीडिया की भूमिका
अजीत डोभाल ने अपने संबोधन की शुरुआत ऑपरेशन सिंदूर से की। उन्होंने कहा कि यह भारत की सैन्य रणनीति और रक्षा क्षमताओं का प्रमाण है कि हमने सिर्फ 23 मिनट में पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इन ठिकानों को सटीकता से टारगेट कर पूरी तरह खत्म किया गया। इसमें भारत ने स्वदेशी मिसाइल सिस्टम और तकनीक का इस्तेमाल किया।
उन्होंने विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर सवाल उठाए और कहा कि यह कवरेज पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण और भारत विरोधी थी। डोभाल ने कहा, "पाकिस्तान के हमले की बात करते हुए विदेशी मीडिया ने यह तो कहा कि भारत को नुकसान हुआ, लेकिन आज तक एक भी तस्वीर या सैटेलाइट इमेज सामने नहीं आई जो इस दावे को साबित करे।"
भारत ने दिखाए सबूत, लेकिन पाकिस्तानी झूठ का प्रचार हुआ
NSA डोभाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, पाकिस्तान की नागरिक या सैन्य संपत्तियों को नहीं। फिर भी विदेशी मीडिया ने भारत को ही कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
उन्होंने बताया कि भारत ने जो ठिकाने तबाह किए उनमें से कुछ प्रमुख थे – सरगोधा, रहीम यार खान, चकलाला आदि। वहां से आतंकवादियों के अंतिम संस्कार की तस्वीरें भी सामने आईं, जिनमें 100 से ज्यादा आतंकियों के शव दिखाई दिए। इसके बावजूद विदेशी मीडिया इन तथ्यों को नजरअंदाज कर, पाकिस्तान की तरफदारी करता रहा।
‘2047 के भारत’ के लिए छात्रों को दिया संदेश
डोभाल ने अपने भाषण के दूसरे हिस्से में छात्रों को राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी का अहसास कराया। उन्होंने कहा, “भारत हजारों वर्षों तक एक सभ्यता और संस्कृति के रूप में जीवित रहा है। हमारे पूर्वजों ने इस देश की आत्मा को जिंदा रखने के लिए गुलामी, अत्याचार और अपमान को सहा। अब यह हम पर है कि भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में 2047 तक स्थापित करें।”
उन्होंने कहा कि जब भारत 2047 में स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे करेगा, तब आज के छात्र अपने करियर और योगदान के चरम पर होंगे। यही समय है जब युवा शक्ति देश को वैश्विक शक्ति बना सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता इस बात का प्रतीक है कि भारत अब सिर्फ रक्षा नहीं करता, बल्कि जवाब भी देता है। यह पूरी तरह से रक्षात्मक कार्रवाई थी, जिसमें सटीक रणनीति के तहत केवल आतंक के अड्डों को खत्म किया गया। डोभाल ने इस ऑपरेशन को "राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी कदम" बताया।
उन्होंने कहा कि स्वदेशी हथियारों की मदद से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के भीतर छिपे आतंक के ठिकानों को नष्ट कर यह संदेश दिया है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले का मूक दर्शक नहीं बनेगा।
विदेशी मीडिया की साख पर सवाल
NSA डोभाल ने कहा कि आज की दुनिया में सूचना युद्ध भी एक युद्ध की तरह है। जब कोई देश झूठे प्रचार से हमारी छवि को खराब करने की कोशिश करता है, तो हमें तथ्यों और दृढ़ता से जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया और जागरूक नागरिकों को भी इस सूचना युद्ध में भाग लेना चाहिए।
निष्कर्ष
अजीत डोभाल का यह भाषण न सिर्फ IIT मद्रास के छात्रों के लिए प्रेरणास्पद था, बल्कि पूरे देश के लिए यह एक संदेश था कि भारत अब हर मोर्चे पर सजग, सक्षम और आत्मनिर्भर है। विदेशी मीडिया की पक्षपाती कवरेज के जवाब में NSA डोभाल ने तथ्यों के साथ भारत की स्थिति साफ की और बताया कि हम न केवल अपने देश की सुरक्षा करेंगे, बल्कि उसकी गरिमा और सच्चाई की रक्षा भी।