बुल्गारिया की मशहूर भविष्यवक्ता बाबा वेंगा ने अपने जीवनकाल में कई ऐसी भविष्यवाणियां कीं, जो समय के साथ सच साबित होती चली गईं। चाहे वो इंदिरा गांधी की हत्या हो या दुनिया में आई कई प्राकृतिक आपदाएं, उनकी भविष्यवाणियों ने हमेशा लोगों को चौंकाया है। अब एक बार फिर बाबा वेंगा का नाम सुर्खियों में है, और इस बार वजह है उनकी “पानी को लेकर की गई भयावह भविष्यवाणी।”
पानी सूख जाएगा, धरती बन जाएगी रेगिस्तान
बाबा वेंगा ने अपने निधन से पहले भविष्यवाणी की थी कि साल 2170 तक धरती पर पानी की बेहद भीषण समस्या खड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि:
"धरती पर पानी सूखने लगेगा, लोगों को पीने के लिए भी पानी नहीं मिलेगा। हरे-भरे खेत सूख जाएंगे, पेड़-पौधे खत्म हो जाएंगे और पूरी धरती एक रेगिस्तान में तब्दील हो जाएगी। पशु-पक्षी तक बूंद-बूंद पानी के लिए तड़पेंगे।"
यह भविष्यवाणी जितनी डरावनी है, उतनी ही वास्तविकता के करीब भी लग रही है। क्योंकि अभी साल 2025 में ही देश और दुनिया के कई हिस्सों में पानी की कमी ने हालात गंभीर बना दिए हैं।
सच होती दिख रही है बाबा वेंगा की बात
आज जब हम ग्लोबल वॉर्मिंग, भूजल स्तर में गिरावट और सूखे जैसी आपदाओं को देखते हैं, तो बाबा वेंगा की कही बाते आंखें खोलने वाली लगती हैं। कई राज्य जल संकट से जूझ रहे हैं, गांवों में हैंडपंप सूख चुके हैं, और नदियों का जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है।
विशेषज्ञ भी मानते हैं कि अगर यही स्थिति बनी रही तो साल 2170 से भी पहले दुनिया में पानी को लेकर जंग छिड़ सकती है। और अगर ऐसा हुआ, तो ये मानवता के लिए सबसे बड़ा संकट होगा।
गर्मी को लेकर भी की थी चेतावनी
बाबा वेंगा की भविष्यवाणी सिर्फ पानी तक ही सीमित नहीं रही। उन्होंने साल 2025 की गर्मी को लेकर भी गंभीर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था:
"आसमान से आग बरसेगी, तापमान 52 डिग्री से भी ऊपर जाएगा।"
अब अगर हम देखें तो अप्रैल 2025 में ही देश के कई हिस्सों में तापमान 44-45 डिग्री तक पहुंच चुका है। मई-जून की गर्मी अभी बाकी है और अगर यह रफ्तार जारी रही तो वेंगा की भविष्यवाणी खतरनाक हकीकत में बदल सकती है।
क्या दुनिया ले पाएगी सबक?
बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां आश्चर्यजनक रूप से सटीक साबित होती रही हैं। अगर हम अब भी नहीं चेते, जल-संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा और ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ गंभीर कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियां शायद पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसेंगी।
वक्त है कि हम सिर्फ भविष्यवाणियों पर चौंकने की बजाय, उनसे सीख लेकर आज ही अपने कदम मजबूत करें।