साल 2020 में पूरी दुनिया को झकझोर देने वाली कोरोना महामारी एक बार फिर लौट सकती है। यह दावा किसी वैज्ञानिक रिपोर्ट या शोध संस्था का नहीं, बल्कि एक प्रसिद्ध जापानी लेखिका और भविष्यवक्ता रियो तात्सुकी का है, जिन्हें जापान की "बाबा वेंगा" के नाम से जाना जाता है। उन्होंने न सिर्फ 2020 की वैश्विक महामारी की सटीक भविष्यवाणी की थी, बल्कि अब उनका दावा है कि वर्ष 2030 में कोविड-19 एक बार फिर मानवता को चुनौती देगा।
कौन हैं रियो तात्सुकी?
रियो तात्सुकी एक मंगा कलाकार और भविष्यवक्ता हैं, जिन्होंने 1999 में "भविष्य जैसा मैं देखता हूं" (The Future I See) नामक एक कॉमिक प्रकाशित की थी। इस कॉमिक में उन्होंने कई ऐसी घटनाओं का उल्लेख किया था जो बाद में सच साबित हुईं। सबसे बड़ी भविष्यवाणी थी – 2020 के आसपास एक अज्ञात वायरस का फैलना, जो अप्रैल में अपने चरम पर होगा। चौंकाने वाली बात यह है कि यही समय था जब कोविड-19 दुनिया भर में भयावह रूप ले चुका था।
उनकी भविष्यवाणियों की सटीकता ने उन्हें जापान में लोकप्रिय बना दिया और अब उनकी नई चेतावनी ने एक बार फिर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
कोरोना फिर से क्यों लौट सकता है?
रियो तात्सुकी की भविष्यवाणी के मुताबिक, कोरोना वायरस पूरी तरह समाप्त नहीं होगा, बल्कि यह कुछ समय के लिए निष्क्रिय रहेगा और फिर साल 2030 में फिर से सक्रिय होगा। उन्होंने अपनी कॉमिक में यह भी लिखा था कि वायरस कुछ वर्षों तक शांत रहेगा और फिर दोबारा लोगों को संक्रमित करना शुरू कर देगा। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि यह वापसी कितनी गंभीर होगी, लेकिन उनकी पिछली सटीक भविष्यवाणी को देखते हुए यह चिंता का विषय बन गई है।
2020 और 2021 की यादें अब भी ताज़ा हैं
साल 2020 में जब कोरोना ने पहली बार दस्तक दी थी, तब पूरी दुनिया स्तब्ध रह गई थी। लॉकडाउन, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, ऑक्सीजन की किल्लत और अस्पतालों में मची अफरा-तफरी – ये सब किसी डरावने सपने की तरह लगता है। 2021 में डेल्टा वैरिएंट के कारण भारत समेत कई देशों में तबाही मची। लाखों लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया।
अब जब पूरी दुनिया धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और लोग इस संकट को भूलने लगे हैं, 2030 की यह भविष्यवाणी एक बार फिर चिंता का कारण बन गई है।
क्या यह केवल संयोग है या भविष्य की झलक?
हालांकि रियो तात्सुकी की भविष्यवाणी को लेकर वैज्ञानिक जगत में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग इसे महज संयोग मानते हैं, जबकि कई लोग मानते हैं कि इतिहास खुद को दोहरा सकता है, और वायरसों की प्रकृति भी ऐसी होती है कि वे समय-समय पर रूप बदलकर वापस लौट सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विभिन्न वैज्ञानिक संस्थाएं लगातार भविष्य में महामारी की आशंका को लेकर चेतावनी देती रही हैं। ऐसे में रियो की बात पूरी तरह नजरअंदाज नहीं की जा सकती।
क्या हमें सतर्क हो जाना चाहिए?
भले ही यह भविष्यवाणी साल 2030 को लेकर है, लेकिन इससे एक बात साफ है कि कोरोना वायरस पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इससे लड़ने के लिए अब भी जागरूकता, वैक्सीनेशन, और चिकित्सा प्रणाली को मजबूत बनाना बेहद ज़रूरी है।
साथ ही, सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को भविष्य की संभावित महामारी के लिए अभी से तैयारियां शुरू करनी चाहिए।
निष्कर्ष: विज्ञान के साथ सतर्कता जरूरी
भविष्यवाणियां सही हों या गलत, लेकिन कोरोना जैसी महामारी ने हमें सिखाया है कि लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। रियो तात्सुकी की चेतावनी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, खासकर तब जब उनकी पिछली भविष्यवाणी सच साबित हो चुकी है।
2030 अभी दूर है, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति सावधानी, शोध और तैयारी आज से ही जरूरी है। हो सकता है यह एक कल्पना हो, लेकिन अगर यह भविष्य की आहट है, तो हमें इसके लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।