कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने पूरे राज्य को चौंका दिया है। बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर उनका शव खून से लथपथ अवस्था में पाया गया। शुरुआती जांच में हत्या की आशंका जताई गई है और मामले में उनकी पत्नी पल्लवी और बेटी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
हत्या की आशंका, धारदार हथियार के निशान
68 वर्षीय ओम प्रकाश के गले और पेट पर चाकू जैसे धारदार हथियार के गहरे निशान पाए गए हैं। पुलिस को आशंका है कि उन्हें बेहद नजदीक से वार कर मौत के घाट उतारा गया। मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी खुलासा हुआ है कि ओम प्रकाश को पिछले 6 महीने से अपनी हत्या का डर सता रहा था।
गृह मंत्री जी परमेश्वर का बयान
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इस मामले को लेकर कहा,
"यह एक हत्या का मामला है, लेकिन यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि इसे पत्नी ने ही अंजाम दिया है। जांच पूरी होने तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता।"
उन्होंने यह भी बताया कि जब वह 2015 में गृह मंत्री बने थे, तब ओम प्रकाश राज्य के डीजीपी थे और एक ईमानदार एवं सज्जन अधिकारी माने जाते थे।
पत्नी ने दी थी सूचना, पुलिस को शक
पुलिस के अनुसार, रविवार शाम को पत्नी पल्लवी ने खुद फोन कर ओम प्रकाश की मौत की सूचना दी थी। जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो ओम प्रकाश का शव खून से सना हुआ मिला। स्थानीय लोगों और रिश्तेदारों के अनुसार, पति-पत्नी में अक्सर झगड़ा होता रहता था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, वारदात के बाद पल्लवी ने एक आईपीएस अफसर की पत्नी को वीडियो कॉल कर कहा था, "मैंने शैतान को मार दिया है।" इस बयान ने मामले को और भी रहस्यमयी बना दिया है।
संपत्ति विवाद और मानसिक स्थिति पर उठे सवाल
पुलिस को शक है कि इस हत्या के पीछे पारिवारिक संपत्ति विवाद भी एक अहम कारण हो सकता है। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि पल्लवी का मानसिक संतुलन ठीक नहीं था और आए दिन दोनों के बीच तनावपूर्ण माहौल रहता था।
बेटे की शिकायत के आधार पर दर्ज हुआ केस
बेटे की ओर से दी गई शिकायत पर पुलिस ने एचएसआर लेआउट थाने में हत्या का केस दर्ज कर लिया है। एडिशनल पुलिस कमिश्नर विकास कुमार ने जानकारी दी कि बेटे की शिकायत के अनुसार ओम प्रकाश को चाकू से मारा गया। उन्होंने कहा,
"प्राथमिक जांच में मामला पारिवारिक लगता है। लेकिन विस्तृत जांच की जाएगी। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।"
कौन थे ओम प्रकाश?
ओम प्रकाश, 1981 बैच के आईपीएस अधिकारी थे और बिहार के चंपारण जिले से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 1 मार्च 2015 को कर्नाटक के डीजीपी का पद संभाला था और सेवा निवृत्ति के बाद से बेंगलुरु में रह रहे थे।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सेवानिवृत्त अधिकारियों की सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर क्या पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है? पुलिस की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस रहस्यमयी हत्याकांड की कई परतें खुल सकती हैं।