पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बार निशाना आम नागरिक नहीं, बल्कि देश के एक हिंदू राज्य मंत्री को बनाया गया है। सिंध प्रांत में पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री खेल दास कोहिस्तानी पर शनिवार को थट्टा जिले में उस वक्त हमला हुआ जब वे अपने काफिले के साथ गुजर रहे थे।
खेल दास कोहिस्तानी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) से सांसद हैं और मूल रूप से सिंध के जमशोरो जिले से आते हैं। वे 2018 में पहली बार सांसद बने थे और 2024 में दोबारा जीत दर्ज कर मंत्री बनाए गए। उन पर यह हमला उस समय हुआ जब कुछ प्रदर्शनकारी नई नहर योजना के खिलाफ विरोध रैली निकाल रहे थे।
काफिले पर टमाटर-आलू फेंके, सरकार विरोधी नारेबाजी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे ही मंत्री का काफिला रैली के पास से गुजरा, प्रदर्शनकारियों ने टमाटर और आलू फेंकने शुरू कर दिए। इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस हमले में मंत्री को कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा।
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुद खेल दास कोहिस्तानी से फोन पर बात की और उन्हें पूर्ण सुरक्षा का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस हमले की गंभीर जांच होगी और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
राजनेताओं ने की हमले की निंदा
इस हमले की पाकिस्तान के कई बड़े नेताओं ने निंदा की है। सूचना मंत्री अत्ता तरार ने सिंध के आईजी गुलाम नबी मेमन से वारदात की पूरी जानकारी ली है और संघीय आंतरिक सचिव से भी रिपोर्ट तलब की है।
वहीं, सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने स्पष्ट कहा कि,
"किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती। घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
उन्होंने हैदराबाद के डीआईजी को तत्काल सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
हिंदुओं की सुरक्षा फिर सवालों के घेरे में
यह घटना एक बार फिर पाकिस्तान में हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा रही है। पिछले कुछ वर्षों से लगातार हिंदू मंदिरों पर हमले, धार्मिक भेदभाव और अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की खबरें आती रही हैं। अब जब एक मंत्री को भी निशाना बनाया गया है, तो सवाल उठ रहे हैं कि अगर एक जन प्रतिनिधि सुरक्षित नहीं है, तो आम हिंदू नागरिक कैसे महफूज़ रहेगा?
खेल दास कोहिस्तानी जैसे वरिष्ठ नेता पर हमला दिखाता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणा और असहिष्णुता का माहौल कितना गहरा है। प्रधानमंत्री की सख्ती और राजनीतिक निंदा के बावजूद यह देखना अहम होगा कि क्या वास्तव में दोषियों को सजा मिलती है, या यह मामला भी फाइलों में दफन होकर रह जाएगा।